माता बिरासिनी मंदिर की हालत जर्जर..!

गुम्क्षबंद के पास क्षतिग्रस्त मन्दिर का दृश्य
बिरसिंहपुरपाली/उमरिया| देश और विदेश में ख्याति प्राप्त बिरसिंहपुर पाली का प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर प्रशासनिक देखरेख अभाव के कारण जर्जर हालत में पहुँच गया है लेकिन इस ओर मन्दिर संचालन समिति का ध्यान बिल्कुल भी नही है। मन्दिर का छज्जा टूटते जा रहा है वही मन्दिर के गुम्बच व दीवारों में लगे संगमरमर के पत्थर टूट टूटकर गिर रहे है। गौरतलब है कि इस मंदिर का नए शिरे से निर्माण बीते करीब 30 वर्ष पूर्व कालरी प्रबंधन के द्वारा कराया गया था जिसकी देखरेख स्थानीय लोगों के द्वारा की जाती रही है लेकिन जबसे मन्दिर के देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के हांथो में आई तब से हालात बिगड़ते जा रहे है।


                                              


                  गौर करने वाली बात तो यह है कि जिम्मेदार अधिकारी यहाँ समय समय पर आते रहते है लेकिन इस जर्जर  हालत पर ध्यान कोई नही दे रहा। मन्दिर के पुजारी गोपाल ने बताया कि इस दुर्दशा की जानकारी पूर्व कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी सहित एसडीएम व स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों को दिए जाने के बाद भी कोई पहल नही की गई। इस सम्बंध में यहाँ के युवा समाजसेवी धीरेंद्र शर्मा सहित अन्य प्रबुद्ध नागरिको ने जल्द माता बिरासिनी मन्दिर के जीर्णोद्धार की मांग की है।                     


                 वही बीते दिन अल्प प्रवास के दौरान नगर में पहुँची प्रदेश सरकार की केबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक सुश्री मीना सिंह से बात की गई तो उन्होंने जल्द कार्य कराने की बात कहीं। बहरहाल इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य कब तक आरम्भ होगा यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा। हम बता दे कि मन्दिर संचालन समिति का संरक्षक पदेन जिला कलेक्टर अध्यक्ष पदेन एसडीएम सचिव तहसीलदार व अन्य जिम्मेदार विभाग प्रमुख समिति के सदस्य होते है।                                                               


                  उल्लेखनीय है कि मन्दिर के वर्तमान हालातों को लेकर पुराने समिति के सदस्यों का कहना है कि मन्दिर की इस दुर्दशा के जिम्मेदार स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी है जो मन्दिर व्यवस्था पर सार्थक पहल नही कर पा रहे। माता बिरासिनी मंदिर शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है यहाँ मातारानी के दर्शनार्थ दूर दूर से भक्तजन आते है जिनके न ठहरने की व्यवस्था संचालन समिति करती है न ही कोई आवश्यक व्यवस्थाओं पर उनकी नजर है।