उत्तर प्रदेश में आगरा से 14 दिन पहले आगरा से अपहृत फिरोजाबाद के वकील अकरम अंसारी को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं से मुक्त करा लिया है। पुलिस के मुताबिक वकील को आगरा-राजस्थान की सीमा पर धौलपुर के बीहड़ में बंधक बनाया हुआ था, जहां उनको लगातार यातनाएं उन्हें दी जा रही थी। अपहरणकर्ताओं ने वकील के परिजनों से 50 लाख रुपए की फिरौती की मांग की थी। आखिरकार पुलिस ने अपहरणकर्ताओं तक पहुंचने के लिए एक विशेष प्लान बनाया जिसके बाद गिरोह के मुख्य सदस्य और पांच लोगों को पकड़ लिया गया।
अकरम अंसारी को उस समय अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर लिया था जब वह आगरा के निजी अस्पताल में एक रिलेटिव से मिलने के बाद अपने घर फिरोजाबाद लौट रहे थे। बदमाशों के चंगुल से मुक्त होने के बाद वकील ने पत्रकारों को बताया, '' मुझे घर वापस जाने में काफी देर हो रही थी और फिरोजाबाद के लिए कोई बस भी नहीं थी। जिसकी वजह से मैंने एक टैक्सी बुक की थी। टैक्सी में पहले से ही कुछ यात्री बैठे हुए थे। दस मिनट के सफर के बाद गिरोह के सदस्यों ने आंखों पर पट्टी बांध दी और मुझे अज्ञात लोकेशन पर ले गए।''
इसके दो दिन बाद पांच फरवरी को वकील के परिजनों को एक अज्ञात काल आयी जिसमें उनसे वकील को छोड़ने के लिए 55 लाख की फिरोती मांगी गई थी। इसके बाद अपहरणकर्ताओं की तरफ से तीन बार लगातार कॉल की गई।
इस घटना को लेकर आगरा के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय आनंद ने पत्रकारों को बताया कि गैंग के बारे में कुछ पता नहीं था और वह पड़ोसी राज्य से जुड़ा हुआ था। हमने एक जाल बिछाने का फैसला किया। अपहरणकर्ताओं से रकम देने की बात तय की गई। बात 15 लाख रुपए देने की हुई थी। इसके बाद चौथा कॉल अगवाकर्ताओं की तरफ से 16 फरवरी को आया था।
उन्होंने बताया कि इसके लिए गैंग के सदस्यों को भरतपुर जिले के बजना के जंगल में 12.50 लाख रुपए की रकम दी गई। इसी समय गैंग का जो सदस्य पैसा लेने के लिए आया था उसको हमारी 20 सदस्यों की टीम ने पीछा करना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल तो कुछ पुलिसकर्मी कार में सवार थे। इसके बाद 17 फरवरी को हमारी टीम को अपहरणकर्ताओं के सही जगह का पता चल गया, जहां वकील को रखा गया था। इसके बाद पुलिस की टीम ने वहां रेड डाली।
एडीजी ने बताया कि गैंग के मूवमेंट के लाइव अपडेट के लिए एक स्पेशल वाट्सअप ग्रुप बनाया गया था। इसका नेतृत्व सीओ चमन चावला कर रहे थे। इसमें आठ एसएचओ, 12 पुलिसकर्मी और सर्विलांस की एक टीम भी मौजूद थी। इस कार्रवाई के दौरान गिरोह के सरगना उग्रसेन को बादी इलाके से मंगलवार को पकड़ लिया गया। इसके अलावा पुलिस ने पांच अन्य लोगों को इस मामले में शामिल होने के लिए गिरफतार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि मौके से दस लाख रुपए कैश, एक मोबाइल फोन, चार सिमकार्ड भी बरामद किए गए हैं। इस घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एडीजी ने 50 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है।